UAE वर्क वीजा को लेकर 2025 में एक नया नियम सामने आया है, जो खासतौर पर भारतीयों के लिए बेहद जरूरी है। इस समय बहुत लोग यूएई वर्क वीजा पर जा रहे हैं, इसलिए इस बदलाव की जानकारी होना जरूरी है।
यह नियम यूएई की आईसीपी अथॉरिटी के तहत लागू हुआ है। दुबई को छोड़कर अगर आप अबू धाबी, शारजाह, रास अल खैमा या अजमान में काम करने जा रहे हैं, तो यह नियम आपके लिए जरूरी है।
क्या है नया बदलाव?
पहले जब कंपनी आपको एंट्री परमिट भेजती थी, तो आप सीधे टिकट बुक करके यूएई जा सकते थे। लेकिन अब, आपको पहले कुछ जरूरी दस्तावेजों के साथ भारत में स्थित यूएई एंबेसी जाना होगा। इन दस्तावेजों में शामिल हैं:
- पासपोर्ट
- कंपनी का ऑफर लेटर
- एंट्री फॉर्मेट
- अटेस्टेड डॉक्यूमेंट्स
इन डॉक्यूमेंट्स के साथ आपको एंबेसी से वीजा स्टिकर लगवाना होगा। इसके लिए अपॉइंटमेंट लेना जरूरी है। जब तक वीजा स्टिकर नहीं लगेगा, आप यूएई में प्रवेश नहीं कर सकते।
वीजा स्टिकर और एंट्री परमिट
अब एंट्री परमिट पर यह साफ लिखा होता है कि वीजा स्टिकिंग अनिवार्य है। वीजा स्टिकर लेने के बाद ही आप यात्रा कर सकते हैं। इस परमिट की वैलिडिटी आमतौर पर 60 दिनों की होती है, इसलिए आपको इस दौरान यूएई के लिए टिकट लेना जरूरी है।
किन लोगों पर लागू है यह नियम?
यह नियम खासकर उन भारतीयों पर लागू होता है जो आईसीपी के तहत आने वाले अमीरातों में नौकरी के लिए जा रहे हैं। दुबई के लिए यह नियम लागू नहीं है, क्योंकि वहां GDRFA सिस्टम चलता है।