सऊदी अरब में दो प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत का मामला

सऊदी अरब में अपने घरों से हजारों मील दूर रोज़ी रोटी कमाने गए दो प्रवासी मजदूरों की दर्दनाक मौत ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया है। ये दो प्रवासी, जिनमें एक भारतीय और एक सूडानी था, सऊदी अरब के रेगिस्तान ‘रबल खाली’ में अपने ड्यूटी के हिसाब से काम को पूरा करते हुए अपनी जान से हाथ धो बैठे। आइए इस घटना की पूरी कहानी पर नजर डालें और जानें कि इनकी मौत कैसे हुई।

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घटना की जगह कहां है 

यह दर्दनाक घटना सऊदी अरब के विशाल और खतरनाक रबल खाली रेगिस्तान में हुई, जो चार देशों में फैला हुआ है और अपनी कड़ी परिस्थितियों और जानलेवा घटनाओं के लिए जाना जाता है। इस रेगिस्तान में कई लोग गुम हो चुके हैं, जिनमें से कुछ की लाशें तो मिल गईं, लेकिन कई का कोई सुराग नहीं लगा।

शहजाद खान, एक 27 वर्षीय भारतीय मोबाइल टावर टेक्नीशियन और उसके साथी सूडानी प्रवासी, STC कंपनी में काम करते थे। दोनों अपनी ड्यूटी पर एक दूरस्थ टावर की मरम्मत के लिए निकले थे, जो रबल खाली के एक खतरनाक हिस्से में मौजूद था।

घटनास्थल पर क्या हुआ?

अपने कार्यस्थल की ओर जाते समय, उनका GPS सिग्नल खो गया, और वे रेगिस्तान में रास्ता भटक गए। GPS के सिग्नल न मिलने के वजह, वो मदद के लिए अपने मोबाइल फोन का सहारा लेने की कोशिश करने लगे, लेकिन वहां पर नेटवर्क न होने के कारण उन्हें किसी भी प्रकार की मदद नहीं मिल सकी।

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उनकी स्थिति तब और खराब हो गई जब उनके पास मौजूदा पानी और खाने-पीने का सामान खत्म हो गया और मोबाइल की बैटरी भी समाप्त हो गई। सऊदी अरब की भीषण गर्मी और तेज धूप ने उनके लिए बचे रहने की उमीदों को और भी कम कर दिया।

मौत के कारण

रेगिस्तान में GPS सिग्नल के गुम हो जाने और रास्ता भटकने के बाद, ये दोनों प्रवासी वहां की भीषण गर्मी, भूख, और प्यास को सहन नहीं कर पाए और आखिरकार दम तोड़ दिया। 22 अगस्त को उनकी लाशें मिलीं, जब रेस्क्यू टीम ने उन्हें ढूंढने की कोशिश की। ये दोनों अपनी गाड़ी के पास रेत में दफन हो चुके थे, उनके शरीर का केवल एक छोटा हिस्सा ही बाहर दिख रहा था। अगर रेस्क्यू टीम एक दिन और देर कर देती, तो शायद एक और रेत का तूफान उनकी लाशों को अपने अंदर समेट लेता और उनकी कब्र वहीं बन जाती।

इस घटना से सीख

यह घटना एक गंभीर चेतावनी है उन सभी के लिए जो सऊदी अरब या किसी दूसरे रेगिस्तानी क्षेत्र में काम करने या यात्रा करने का सोच रहे हैं। रेगिस्तान के खतरनाक इलाकों में जाने से पहले पूरी तैयारी करनी चाहिए। गाड़ी में मौजूद फ्यूल, पानी, और खाने-पीने का सामान होना चाहिए। इसके अलावा, GPS के साथ-साथ एक सैटेलाइट फोन का होना भी जरूरी है ताकि किसी आपात स्थिति में मदद के लिए संपर्क किया जा सके।

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conclusion

इस प्रकार की घटनाएं हमें याद दिलाती हैं कि प्रवासियों की जिंदगी कितनी कठिन होती है। और वो अपने परिवार से दूर, बेहतर भविष्य की तलाश में अपने जीवन को जोखिम में डालते हैं। हमें चाहिए कि हम उनके दुखों को समझें और उनकी कठिनाइयों को पहचानें। सऊदी अरब में घटी इस दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से इस सच्चाई को उजागर किया है कि अपने परिवार के लिए बेहतर भविष्य की तलाश में निकले ये प्रवासी कितनी मुश्किलों का सामना करते हैं।


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