कुवैत ने विदेशी कामगारों के लिए नया वेरिफिकेशन सिस्टम शुरू किया
कुवैत में अब कामगारों की Educational Qualifications की जाँच के लिए एक नई ऑटोमेटेड प्रणाली शुरू की गई है। इसका मकसद है नकली सर्टिफिकेट्स पर लगाम लगाना और नौकरी के लिए योग्य उम्मीदवारों को ही वीज़ा और परमिट देना।
यह नया नियम विदेशी नागरिकों, GCC देशों से आने वाले श्रमिकों, और बिदून समुदाय (जिनके पास कानूनी दस्तावेज़ नहीं होते) पर लागू होगा। वो अब जब भी Ashal portal या Sahel Business App के ज़रिए काम के परमिट के लिए आवेदन करेंगे, उनकी डिग्री की जांच इस सिस्टम से की जाएगी।
क्यों लिया गया ये कदम?
हाल ही में अधिकारियों ने पाया कि कई आवेदक नकली डिग्री सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी के परमिट ले रहे थे। इससे लेबर मार्केट की साख पर सवाल उठने लगे। इसी को रोकने के लिए Kuwait Public Authority for Manpower ने यह कड़ा कदम उठाया है।
किन-किन चीज़ों की होगी जांच?
अधिनिदेशक मर्ज़ूक अल-उतैबी के अनुसार, अब तीन ज़रूरी बातों की जांच की जाएगी:
- डिग्री सही है या नहीं
- स्पेशलाइज़ेशन (विषय) क्या है
- क्या डिग्री को कुवैत के शिक्षा मंत्रालय से मान्यता प्राप्त है
इन सबकी पुष्टि होने के बाद ही वर्क परमिट जारी किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य क्या है?
कुवैत सरकार का लक्ष्य है कि उसकी मज़दूरी व्यवस्था में सिर्फ योग्य और प्रशिक्षित कामगारों को ही जगह मिले। इस तरह न सिर्फ Fake Documents पर रोक लगेगी, बल्कि स्थानीय और विदेशी श्रमिकों के बीच विश्वास भी बढ़ेगा।
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