भारत की अर्थव्यवस्था में रेमिटेंस का योगदान
Bank of India (RBI) की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत को सबसे अधिक रेमिटेंस पांच प्रमुख मुस्लिम देशों से प्राप्त होता है। ये देश भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
रेमिटेंस क्या होता है?
रेमिटेंस वह धनराशि होती है, जो प्रवासी भारतीय विदेशों में काम करके अपने परिवार को भेजते हैं। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद करता है।
किन देशों से भारत को सबसे ज्यादा पैसा मिलता है?
भारत को सबसे अधिक रेमिटेंस गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) के देशों से प्राप्त होता है, जिनमें शामिल हैं:
- United Arab Emirates (UAE)
- Saudi Arabia
- Qatar
- Oman
- Bahrain
इन देशों में लाखों भारतीय श्रमिक काम करते हैं, खासकर श्रमिक वर्ग से जुड़े लोग।
RBI रिपोर्ट के अनुसार भारत को कितनी रेमिटेंस मिली?
2023-24 में भारत को कुल रेमिटेंस का 38% हिस्सा खाड़ी देशों से प्राप्त हुआ, जो लगभग 45.10 बिलियन अमेरिकी डॉलर (3896.3 बिलियन भारतीय रुपये) है।
रेमिटेंस क्यों जरूरी है?
- भारतीय परिवारों के लिए सहारा: खासकर ग्रामीण इलाकों में यह धनराशि जीवनयापन के लिए अहम है।
- विदेशी मुद्रा भंडार को मजबूती: इससे भारत की अर्थव्यवस्था स्थिर रहती है।
- चालू खाता घाटे में कमी: यह भारत के आर्थिक संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है।
प्रवासी भारतीयों के लिए चुनौतियां
हालांकि भारत की अर्थव्यवस्था काफी हद तक रेमिटेंस पर निर्भर है, लेकिन बदलते वीजा नियम और नई रोजगार नीतियां प्रवासी भारतीयों के लिए चुनौती बन सकती हैं।
कौन सा देश सबसे ज्यादा पैसा भेजता है?
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) भारत को सबसे अधिक रेमिटेंस भेजने वाला खाड़ी देश है। 2023-24 में इसकी हिस्सेदारी 19.2% थी, जबकि पूरी दुनिया में अमेरिका नंबर 1 पर है, जहां से 27.7% रेमिटेंस भारत को प्राप्त हुई।
भारत और खाड़ी देशों के बीच संबंध
GCC के छह देश Saudi Arabia, UAE, Kuwait, Oman, Qatar और Bahrain मुख्य रूप से तेल और गैस पर निर्भर हैं। भारत इन देशों को मशीनरी, टेक्सटाइल और फार्मास्युटिकल उत्पादों का निर्यात करता है, जबकि लाखों भारतीय श्रमिक यहां काम करके भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान देते हैं।
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