तालीपाराम्बा: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) CPI(M) का जिला सम्मेलन 1 February से तालीपाराम्बा में शुरू होने जा रहा है। तीन दिवसीय यह सम्मेलन 3 February को समाप्त होगा। पार्टी के लिए यह सम्मेलन महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इस दौरान कई विवादों और मुद्दों पर गहन चर्चा होने की संभावना है।
ध्वज जुलूस और मशाल रिले से हुआ सम्मेलन का आगाज
सम्मेलन की पूर्व संध्या पर, 31 जनवरी को, तीन शहीद स्मारकों से तालीपाराम्बा तक एक भव्य ध्वज जुलूस और मशाल रिले का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन वरिष्ठ CPI(M) नेता पी. करुणाकरन ने किया, जो कारिवेलूर शहीद मेमोरियल से शुरू हुआ। इसी तरह, ईपी जयराजन ने कावुम्बई शहीद मेमोरियल से ध्वज जुलूस का नेतृत्व किया।
मट्टनूर के विधायक केके शैलजा, केंद्रीय समिति के सदस्य पीके श्रीमथी, और जिला सचिव एमवी जयराजन ने क्रमशः एवुंगम्पिल, पन्नियुर करक्कोडी और त्रिचाम्बराम से मशाल रिले का शुभारंभ किया। जुलूस का समापन ‘सीताराम येचुरी नगर’ में हुआ, जहां स्वागत समिति के अध्यक्ष टीके गोविंदन ने झंडा फहराया।
सम्मेलन में उठाए जाएंगे ये प्रमुख मुद्दे
इस सम्मेलन में पार्टी से जुड़े कई विवादों और आरोपों पर चर्चा होने की उम्मीद है। इनमें शामिल हैं:
- ईपी जयराजन की आत्मकथा से जुड़ा विवाद
- पार्टी के कुछ सदस्यों द्वारा एक भाजपा नेता से मुलाकात करने के आरोप
- एडम नवीन बाबू की कथित आत्महत्या
- पूर्व कन्नूर जिला पंचायत अध्यक्ष पीपी दिव्या के खिलाफ आरोप
- कुछ सहकारी संस्थानों में अनियमितताएं और कर्मचारियों की भव्य जीवनशैली
इसके अलावा, कल्याणकारी पेंशन के वितरण में गड़बड़ी, राशन कार्ड संकट, और NAVA केरल मार्च के दौरान DYFI कार्यकर्ताओं की भूमिका पर भी चर्चा की जा सकती है।
पार्टी में आंतरिक असंतोष और नेतृत्व की चुनौतियाँ
पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच असंतोष भी एक महत्वपूर्ण विषय रहेगा, विशेष रूप से पेन्यूर जैसे क्षेत्रों में, जहाँ स्थानीय विधायक के खिलाफ विरोध देखने को मिला है।
साथ ही, पार्टी में युवाओं की भागीदारी में कमी, शराब के दुरुपयोग, और कुछ नेताओं पर ब्रुअरीज (शराब निर्माण कंपनियों) के प्रभाव को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति से बढ़ी हलचल
इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और CPI(M) के राज्य सचिव एमवी गोविंदन की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। रिपोर्टों के मुताबिक, कुछ प्रतिनिधि इन विवादों को सम्मेलन के दौरान खुलकर उठा सकते हैं।
महिला नेतृत्व और भविष्य की रणनीति पर होगी चर्चा
पार्टी नेतृत्व में महिलाओं की भागीदारी की कमी को लेकर भी पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात के साथ चर्चा की जाएगी। इसके अलावा, पार्टी के नेता जिला और राज्य स्तर पर विकास योजनाओं को सामने रखकर आलोचनाओं का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
हालांकि, पहली और दूसरी LDF सरकारों की तुलना करते हुए, वर्तमान सरकार की कम प्रभावशीलता को लेकर सवाल उठ सकते हैं, जो पार्टी नेतृत्व के लिए एक और चुनौती होगी।