नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भारतीय तटरक्षक बल (Indian Coast Guard) के पूर्व महानिदेशक के. नटराजन के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के आरोप में मामला दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला?
मामले की शुरुआत 7 जून 2021 को हुई, जब तटरक्षक बल के तत्कालीन महानिरीक्षक राकेश पाल ने रक्षा सचिव को एक शिकायत सौंपी थी। इस शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि 2019 की उनकी वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (ACR) में जानबूझकर कम स्कोर दिया गया, जिससे उनकी पदोन्नति अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) के रूप में नहीं हो पाई।
CBI की एफआईआर में कहा गया है कि कई अधिकारियों की ACR और कुछ अधिकारियों के गैर-अनियंत्रण प्रमाण पत्र (NIC) रिकॉर्ड से गायब पाए गए। जांच एजेंसी का कहना है कि इन NIC प्रमाणपत्रों का स्थानांतरण और पोस्टिंग से मेल नहीं खाता, जिससे संदेह गहरा गया है।
नियमों की अनदेखी का आरोप
CBI ने अपनी जांच में यह भी पाया कि रिपोर्टिंग की तय समयसीमा के तीन से चार साल बाद NIC प्रमाणपत्र प्रस्तुत किए गए, जो सरकारी नियमों के खिलाफ है। ऐसे में एजेंसी इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है।
ACR और NIC क्या होते हैं?
ACR (Annual Confidential Report): सरकारी अधिकारियों की दक्षता और पदोन्नति का मूल्यांकन करने के लिए तैयार की जाने वाली गोपनीय रिपोर्ट।
NIC (Non-Initiation Certificate): यह प्रमाणित करता है कि किसी अधिकारी की ACR किसी विशेष समयावधि में नहीं लिखी गई।
CBI की आगे की कार्रवाई
CBI जल्द ही इस मामले में संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है। जांच जारी है और एजेंसी सभी पहलुओं की गहनता से पड़ताल कर रही है।