Kuwait में बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंटिंग से सैकड़ों जालसाजी के मामले उजागर

Kuwait Ministry of Interior ने बायोमेट्रिक फिंगरप्रिंटिंग सिस्टम को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है, जिसके चलते सैकड़ों नकली पहचान वाले प्रवासियों (expats) का पता चला है। ये वो लोग हैं जिन्हें पहले विभिन्न कारणों से देश से निर्वासित (deported) किया गया था, लेकिन वो नकली पासपोर्ट और नई पहचान के जरिए वापस आ गए थे।

मुख्य खुलासे:

  1. बायोमेट्रिक प्रणाली ने उन घरेलू कामगारों और ड्राइवरों की पहचान की, जो एशियाई देशों से थे और जिन्हें 20 साल पहले भी निर्वासित किया जा चुका था।
  2. इनमें से कुछ लोगों ने अपने पुराने पासपोर्ट की तस्वीरें बरकरार रखते हुए नाम और अन्य जानकारियां बदल दीं।
  3. इससे पहले, ये लोग आसानी से अपनी रहवासी परमिट (Residency Permit) नवीनीकरण करवा लेते थे और कुवैत में बेरोकटोक घूमते थे।

बायोमेट्रिक जांच के बाद हुए बड़े खुलासे

  • कई लोगों ने सर्जरी या जलाकर अपने फिंगरप्रिंट बदलने की कोशिश की, ताकि उनकी पहचान न हो सके।
  • कुछ ने अपनी राष्ट्रीयता बदली और नए पासपोर्ट प्राप्त किए, जिनमें उनका असली फोटो था लेकिन बाकी जानकारी नकली थी।
  • पुराने सिस्टम में इस तरह की धोखाधड़ी पकड़ना मुश्किल था, लेकिन नई तकनीक ने सभी फर्जी मामलों का पर्दाफाश कर दिया।

अब क्या होगा?

  • जिनकी असली पहचान उजागर हो चुकी है, उन्हें फिर से निर्वासित (Deport) किया जाएगा।
  • चाहे उनका रहवासी परमिट वैध हो या वर्षों से नवीनीकृत, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
  • अब कोई अपवाद (exception) नहीं होगा – सभी फर्जी पहचान वाले प्रवासियों को देश से बाहर निकाला जाएगा।

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