हाल ही में पारित Women Reservation Bill के तहत महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33% सीटों का आरक्षण मिलेगा। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस कानून को लागू करने की तैयारी में जुटी है और अपने संगठन में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए कदम उठा रही है।
महिला आरक्षण पर भाजपा की तैयारी
भाजपा का उद्देश्य महिला नेताओं को बूथ स्तर से लेकर शीर्ष नेतृत्व तक तैयार करना है। पार्टी के शीर्ष नेताओं का मानना है कि सक्षम महिला नेताओं को मैदान में उतारने के लिए अभी से प्रयास शुरू करने होंगे।
एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, “हमें महिलाओं को हर स्तर पर मजबूत बनाना होगा ताकि वे आरक्षण का लाभ उठा सकें।”
संगठनात्मक संरचना में बदलाव
मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भाजपा ने 11 सदस्यीय बूथ समितियों में कम से कम तीन महिलाओं को शामिल करने का प्रयास किया है। इसके अलावा, जिला स्तर पर भी महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने की दिशा में काम किया जा रहा है। बिहार में हाल ही में दो महिलाओं को जिला अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया है।
Women Reservation Bill: भविष्य की रूपरेखा
128वें संविधान संशोधन विधेयक के तहत आरक्षण की प्रक्रिया जनगणना और परिसीमन अभ्यास के बाद ही शुरू होगी। भारत सरकार इस वर्ष के अंत तक जनगणना शुरू कर सकती है, जो आखिरी बार 2011 में हुई थी।
आने वाले संगठनात्मक चुनाव
भाजपा फिलहाल अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया में है। यह प्रक्रिया तब पूरी होगी जब पार्टी के 37 संगठनात्मक राज्यों में से 30 में चुनाव खत्म हो जाएंगे। यह कदम महिला आरक्षण के सफल क्रियान्वयन के लिए पार्टी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भविष्य की दिशा
भाजपा का यह प्रयास भारत की राजनीति में महिलाओं की अधिक भागीदारी को सुनिश्चित करेगा। महिला आरक्षण बिल का प्रभावी क्रियान्वयन भारत के लोकतंत्र को और अधिक समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।